वर्ष 2008-09 में उद्योग जगत ने बडी मंदी और नौकरी मे कटौती देखी थी| तभी हम कुछ नामचीन कंपनियों के सलाहगार थे| और कुछ पॉलिसीज हमने उन कंपनियों में डिजाइन किए थे जिससे एंप्लोई और मैनेजमेंट दोनों का फायदा हुआ|
कुछ विशेषज्ञ यह बता रहे हैं कि जॉब मार्केट पोजिशन लॉकडाउन के बाद, वर्ष 2008-09 से भी खराब रहेगी| लेकिन हमें ऐसा नहीं लगता|
हमने हमारे पिछले ब्लॉग में यह कहा था, कि अगर आप कुशल कारीगर (स्टार एंप्लोई) है, तो आप को डरने की जरूरत नहीं|
आप कुशल कारिगर (स्टार एंप्लॉयी) है कि नहीं यह जानने के लिए आप खुद से कुछ सवाल कर सकते हैं |
- क्या आपको अपने कार्यालयिन विषय के अलावा दुसरे कार्यालयीन विषय के बारे मे अनूभव या जानकरी है?
जैसे कि आप अगर अकाउंट्स में है तो क्या आप मनुष्य बल विकास (एचआर) की भी थोड़ी बहुत जानकारी रखते हैं?
लॉकडाउन के बाद वाले इंडस्ट्री काल में मल्टीटास्किंग हुनर को ज्यादा पसंद किया जाएगा|
2. क्या आप अपने ज्ञान को हमेशा अपडेट रखते हैं?
जैसे अगर आप सॉफ्टवेयर में है, और आपके पिछले करियर में कंपनी ने यह देखा है के नई टेक्नोलॉजी के बारे में आपने पढ़ा हुआ होता है, खुद को अपडेट किया हुआ होता है| अगर ऐसा है तो आप नए होने के बावजूद अगर कंपनी मनुष्य बल को कम कर रही है तो आप को निकालने के बारे में कम, या नही सोचेगी | क्योंकि कंपनी आपको प्रोएक्टिव एम्पलाई समझेगी|
3. क्या वरिष्ठ कंपनी मैनेजमेंट ये जानती हैं कि आप अच्छे कुशल एम्प्लोयी हैं?
कई बार आप कुशल कारीगर भी है और मल्टीटास्किंग भी| फिर भी वरिष्ठ मैनेजमेंट को पता नहीं होता है| जिसके स्वरूप यदि मनुष्य बल को कम करने की कंपनी सोच रही है, तो आपका भी नंबर आ सकता है | बहुत बार कंपनी के भीतरी राजनीति की वजह से वरिष्ठ मैनेजमेंट तक आपके अच्छे कामों की जानकारी नहीं पहुंचती है| या क्रेडिट हमेशा और कोई लेकर जाता है| अगर ऐसी स्थिति है, तो नहले पर दहला बनीये| आप जो अच्छे काम कर रहे हैं, ensure करें के उसकी जानकारी वरिष्ठ मैनेजमेंट तक पहुंचे| दूसरे का क्रेडिट ना खुद ले, ना औरों को आपका क्रेडिट लेने दे| एक बार वरिष्ठ मैनेजमेंट को मालूम हो गया के आप अच्छे कुशल और मल्टीटास्किंग है तो आपके निकाले जाने के आसार बहुत कम रहेंगे, या नहीं रहेँगे| शायद आपका तरक्की (promotion) भी हो सकती है|
4. क्या आपको आपके सीनियर्स के मदद की बार-बार जरूरत पड़ती है?
सीनियर की जरूरत दो चीजों में पड़ सकती है या तो आपको दिए गए काम में आपसे बहुत गलतिया हो रही हैं| या आप कुछ नई चीजें, नया काम सीख रहे हैं|
लॉकडाउन के बाद जब इंडस्ट्रीज कार्यान्वित हो जाएगी, उसके बाद का कुछ महीने का समय यह एक्सपेरिमेंट का समय नहीं रहेगा| जिस तरह खेल के टीम में उन्हीं खिलाड़ियों को चुना जाता है, जो उस वक्त अच्छा परफॉर्म कर रहे हो| उसी तरह लॉकडाउन के बाद वाली इंडस्ट्री मे कुशल कारीगरों का ही बोलबाला रहेगा| सीखने वालों या मिस्टेक्स करने वालों का नहीं|
क्योंकि ज्यादातर लोग इस कैटेगरी में आते हैं हम इन दोनों मुद्दों को थोड़ा और बारिकी से देखते हैं|
जैसे कि हमने पिछले ब्लॉग में बताया था, की लॉकडाउन के बाद का समय मल्टीटास्किंग और कुशल लोगों का ही रहेगा| तो अगर कोई आदमी पिछ्ले 6 महीने के करियर ट्रैक रिकॉर्ड में बार-बार दिये काम मे गलती कर रहा है| तो उसकी नौकरी टिक पाना मुश्किल है| लेकिन क्या ऐसा है तो आपको डर जाना चाहिए| बिल्कुल नहीं | मिस्टेक्स बार-बार तभी होते हैं, जब आप जो काम कर रहे हैं; उसमें, या उस सब्जेक्ट में आपको इंटरेस्ट नहीं होता है | जिंदगी में कुछ और करियर करने में इंटरेस्ट होता है| या तो आप यह काम सिर्फ कुछ पैसे कमा के फैमिली को सपोर्ट करने के लिए कर रहे हैं | और आपके मिस्टेक से सामने वाले को तकलीफ हो या नहीं हो आपको इतना फर्क नहीं पड़ता है| जितनी नौकरी चले तो चले | अगर आपकी थिंकिंग ऐसी है तो आपको घर में ही रहना पड़ेगा बिना काम के| लेकिन क्या इसका कोई उपाय नहीं? जरूर है| अगर पिछले 6 महीने में आपका यह रिकॉर्ड बन चुका है कि बार-बार काम में मिस्टेक हो रही है, आपको एक्सपीरियंस होने के बावजूद, तो आप दूसरी नौकरी ढूंढना चालू करें| और जब तक आप काम पर हैं , वह मिस्टेक्स पर गौर करके वह सुधारने की कोशिश करें| काम सुपरवाइजर को सौंपने से पहले एक बार चेक कर ले| ताकि गलतियो की मात्रा कम हो| कुछ चीजें अगर आप को नहीं समझ आ रही है तो आप सुपरवाइजर से डिस्कस करें, समझ ले और उन चीजों को सही ढंग से करने की कोशिश करें| लेकिन उसके साथ ही दूसरा जॉब ढूंढते रहे, क्योंकि एक बार अगर आपकी reputation उस कंपनी में ठीक नहीं है तो वहां नहीं रहना ही अच्छा है|
जहां तक ट्रेनि (trainee) या अप्रेंटिस का सवाल है यह थोड़ा इंडस्ट्री पर डिपेंड करेगा| अगर किसी इंडस्ट्री में बाहर कुशल मनुष्यबल (एक्सपीरियंस रिसोर्स) बहुत महंगी है, तो वह सीखने वाले कारीगर या ट्रेनी को अप्वॉइंट करके उन्हें परमानेंट कर सकते हैं | लेकिन इसके लिए ट्रेनिंग असाइनमेंट मिलने के बाद आपकी बहुत, हद से ज्यादा हार्ड वर्क करने की मन की तैयारी होनी चाहिए| इस डिफिकल्ट टाइम को आप एक जिंदगी का चैलेंज समझिए| कोई भी मुश्किल वक्त ज्यादा देर तक नहीं रहता है| अगर आप लड़ते रहें, तो जीत आपकी होगी|
लेकिन जहां तक ट्रेनिंग असाइनमेंट मिलने का सवाल है लॉकडाउन के बाद वाले नौकरी बाजार में पहले से ज्यादा मुश्किलाते आ सकती हैं|
केंद्र सरकार के लेवल पर कुछ ऐसे प्रयास चल रहे हैं जिससे लॉक डाउन के बाद होने वाली औद्योगिक मंदी के आसार कम हो | वह क्या प्रयास है इसका विचार मंथन हमने हमारे अगले ब्लॉग में किया है| लेकिन हमारा यह आपसे मशवरा है के आप उस पर डिपेंड ना रहे| आप खुद को ज्यादा ज्ञान और कुशलता मैं स्ट्रांग बनाने की तरफ, याने सेल्फ डेवलपमेंट की तरफ, अपने प्रयास जारी रखें|
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जय हिंद ||